तुझसे और तेरे इश्क़ से मैं मुँह मोड़ना नहीं चाहता,
तू लाख शिखवे करले मुझसे मेरे मेहबूब,
पर मैं तुझे छोड़ना नहीं चाहता
पर मैं तुझे छोड़ना नहीं चाहता
अब पहले जैसी ना रही ज़िंदगी बस सोचते सोचते गुज़र रही है,
मौज तो बचपन में थी यारों अब तो कामयाबी के फ़िकरों में निकल रही है।
मौज तो बचपन में थी यारों अब तो कामयाबी के फ़िकरों में निकल रही है।
मतलबी लड़की से अच्छी तो मेरी सिगरेट हैं यारो,
जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती हैं,
ओर मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती हैं..।
जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती हैं,
ओर मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती हैं..।
मुझको रास ना आएगा तेरा सुनेरी पिंजरा
हम परिंदों को खुला आसमान चाहिए
हम परिंदों को खुला आसमान चाहिए
अप्रैल फूल की अब कहाँ जरुरत हैं
यहाँ तो
अभी ज़िन्दगी ही मजाक बनी पड़ी है
यहाँ तो
अभी ज़िन्दगी ही मजाक बनी पड़ी है
बड़े दौर से गुजरे हैं, यह दौर भी गुजर जायेगा
थाम लोग पांवो को, कोरोना भी थम जायेगा
थाम लोग पांवो को, कोरोना भी थम जायेगा
एक ख़्वाब पर गुजार दी ज़िन्दगी हमने
पुरे करे ख्वाबों को ऐसा हमसफ़र चाहिए
अब अमीर का हर दिन रविवार हो गया,
और गरीब है अपने सोमवार के इंतजार में,
अब अमीर का हर दिन से परिवार हो गया है,
और गरीब है अपने रोजगार के इंतजार में
और गरीब है अपने सोमवार के इंतजार में,
अब अमीर का हर दिन से परिवार हो गया है,
और गरीब है अपने रोजगार के इंतजार में
खाया, पिया चीन ने और
हाथ सारा विश्व धो रहा है
हाथ सारा विश्व धो रहा है
किसी को बदलने की शर्त पे,
रिश्ते नहीं बनाया करते
रिश्ते नहीं बनाया करते
हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती
और
हर एक छींक #कोरोना नहीं होती
और
हर एक छींक #कोरोना नहीं होती
भूलूँगा अगर तुझे, तो जी ना पाउँगा
याद भी रखा अगर, तो मर जाऊंगा
याद भी रखा अगर, तो मर जाऊंगा
हिंदुस्तानी हो तो NRC, CAB से डर कैसा।
अगर डर है, तो हिंदुस्तानी कैसे हुए……।
अगर डर है, तो हिंदुस्तानी कैसे हुए……।
इतना उछला न करो, सारी औकात धरी रह जाएगी,
होंगे सामने जब हम, ये अकड़ काम ना आएगी।
होंगे सामने जब हम, ये अकड़ काम ना आएगी।
हमारे तेवर कुछ ऐसे है…
दोस्त बनकर आओगे तो दिल में जगह पाओगे
दुश्मन बन कर आओगे, क्या पता वापस भी जा पाओगे।
दुश्मन बन कर आओगे, क्या पता वापस भी जा पाओगे।
मैं उसकी ज़िन्दगी में कही नहीं था,
पर मैं ही उसकी सारी ज़िन्दगी था..
पर मैं ही उसकी सारी ज़िन्दगी था..
वो आये हमारी कब्र पर और दीया बुझा कर चल दिए…
निशां तो मिटा ही दिया था, रूह को भी रुला कर चल दिए
निशां तो मिटा ही दिया था, रूह को भी रुला कर चल दिए
हमे नहीं आदत अश्कों को छुपाने की…
उनकी ही फितरत है सबको दगा देने की
उनकी ही फितरत है सबको दगा देने की
साथ मेरे बैठा था, पर किसी और के करीब था,
वो अपना सा लगने वाला, किसी और का नसीब था
वो अपना सा लगने वाला, किसी और का नसीब था
बेशुमार यादें दी है तूने रखु कहाँ……,
दिल भर जाए तो आंखों से निकल जाती है।
कहदो उन्हें…
के गरूर ना करें अपनी किस्मत पे इतना..
हम ने बारिश में भी घरों जलते को देखा हैं
के गरूर ना करें अपनी किस्मत पे इतना..
हम ने बारिश में भी घरों जलते को देखा हैं
जब बेटियाँ विदा होती हैं तो माँ का आँचल गिला कर जाती हैं
जब बेटे विदा होते हैं तो भारत माँ का आँचल लाल कर जाते हैं
जब बेटे विदा होते हैं तो भारत माँ का आँचल लाल कर जाते हैं
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