- उनका हर अंदाज़ हकीकत है या ख्वाब है ,
खुशनसीबों के पास रहते हैं वो ,
मेरे पास तो बस उनकी मीठी सी याद है - तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
मदहोश हूँ अभी… थोड़ी देर में लिखता हूँ - तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
देखो भूल गया सब पते-ठिकाने… आसमान में हूँ मैं… - मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है …
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है.. - शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का …
मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का - सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा , सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा ,
जाने क्या बात थी उसमें और मुझ में ,सारी महफ़िल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा - साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते ,
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है , सपने टूटा नहीं करते - जब भी जख्म तेरे यादों के भरने लगते है,
किसी बहाने हम तुम्हे याद करने लगते हैहर अजनबी चेहरा पहचाना दिखाई देता है
जब भी हम तेरी गली से गुजरने लगते हैजिस रात को चाँद से तेरी बातें की हमने
सुबह की आँख मे आँसू उभरने लगते हैजिसने भर दिया दामन को बेरंग फूलों से
उनके एक दर्द पर हम क्यों तड़पने लगते हैदिल के दरवाजे पर कोई दस्तक नही होती
तेरा जिक्र’ होते ही दरो दीवार महकने लगते हैमिटा दे हर ख्याल जेहन की किताब से लेकिन
इबारत पे उनका नाम देखकर सिसकने लगते है - जो तू साथ न छोड़े ता-उम्र मेरा ए मेहबूब
मौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहना
इतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर में
दूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना ! - मेरी नजरों की तरफ देख जमानें पे न जा ,
इक नजर फेर ले, जीने की इजाजत दे दे,
रुठ ने वाले वो पहली सी मोहब्बत दे दे ,
इश्क मासुम है, इल्जाम लगाने पे न जा…. - ये आँखें हैं जो तुम्हारी , किसी ग़ज़ल की तरह खूबसूरत हैं…. कोई पढ़ ले इन्हें अगर इक दफ़ा तो शायर हो जाए…!!
- अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं
अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं। - प्यार कहो तो दो ढाई लफज़, मानो तो बन्दगी ,
सोचो तो गहरा सागर,डूबो तो ज़िन्दगी ,
करो तो आसान ,निभाओ तो मुश्किल ,
बिखरे तो सारा जहाँ ,और सिमटे तो ” तुम “ - कुछ रिश्तों को कभी भी… नाम ना देना तुम…
इन्हें चलने दो ऐसे ही… इल्ज़ाम ना देना तुम ॥
ऐसे ही रहने दो तुम… तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में…
के अल्फ़ाज़ों को मेरे… अंज़ाम ना देना तुम ॥ - मुझसे नफरत करके भी खुश ना रह पाओगे,
मुझसे दूर जाकर भी पास ही पाओगे ,
प्यार में दिमाग पर नहीं दिल पर ऐतबार करके देखिये ,
अपने आप को रोम – रोम में बसा पाएँगे। - दुनिया की भीड़ में तुझे याद कर सकूँ कुछ पल ,
अजनबी राहों की तरफ कदम मोड़ता हूँ। - नशा था उनके प्यार का , जिसमें हम खो गए ,
उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए। - लिख दूँ तो लफज़ तुम हो ,
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो ,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो ,
और चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम ही हो। - कितने चेहरे हैं इस दुनिया में,
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,
दुनिया को हम क्यों देखें,
उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है। - हर शख्स को दिवाना बना देता है इश्क
जन्नत की सैर करा देता है इश्क
दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत
हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क !!! - एक सुकून सा मिलता है….तुझे सोचने से भी….
फिर कैसे कह दूँ…मेरा इश्क़ बेवजह सा है…. - बहुत दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है ,
मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला
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